Hindi Poetry on Promise | Hindi Poems | वादे पर हिंदी कविता
हमने कभी न कभी किसी न किसी से कोई न कोई वादा(Promise) जरूर किया होता है। एक वादे की बहुत अहमियत होती है।
हम वादे क्यों करते हैं, कोई तो वजह होगी न। अगर एक खूबसूरत नजरिए से देखें तो इस दुनिया का हर एक हिस्सा कहीं न कहीं किसी न किसी से कोई वादा किए बैठा है। जैसे आप एक नदी को ही देख लें जो हमेशा दो किनारों को जोड़ कर रखने का वादा निभाए रहती है, जैसे हवा जो दिखती तो नहीं है मगर धरती को आकाश से मिला देती है, जैसे वो नदी जो पहाड़ों को समंदर से मिला देती है उनके इतना दूर होते हुए भी, जैसे हर शाम एक नई सुबह का वादा पूरा करती है। बहुत खूबसूरत है, बहुत रहस्यमई है, बहुत सुकून और प्यार भरा होता है उस लम्हे में जब ऐसे ही कोई हमसे वादा करता है हमारा हाथ हमेशा थामे रखने का, हमारे साथ हमेशा चलने का, हमेशा प्यार जताते रहने का, बहुत खूबसूरत होता है वो लम्हा, बहुत सच्चा होता है वो वादा जो आंखों में आंखें मिलाकर कोई किसी से करता है।
ये दुनिया वादे पर ही टिकी है। एक वादा, एक विश्वास, एक भरोसे का प्रतीक होता है।
ये कविता उसी भरोसे और विश्वास से भरे वादे को जाहिर करती है।
अगर आप हिंदी कविताएं (Hindi Poetry)पढ़ना पसंद करते हैं तो मुझे पूरा यकीन है कि वादे पर लिखी मेरी ये कविता आपको पसंद आयेगी।
Hindi Poetry | हिंदी कविता
"कुछ तो वादा किया होगा "
कुछ तो वादा किया होगा न एक नदी ने दो किनारों से,
तभी तो कभी उन्हें अलग नहीं होने देती है;
कुछ तो वादा किया होगा ना इस हवा ने जमीन और आसमान से,
तभी तो खाली होकर भी कहीं मिला देती है;
कुछ तो वादा किया होगा उस नदी ने समंदर और बर्फ के पहाड़ों से,
तभी तो इतने दूर होते हुए उन्हें जोड़ देती है;
कुछ तो वादा किया होगा रात ने सुबह से,
तभी तो हर शाम सुबह का इंतजार करती है।
उम्मीद करती हूं आपको यह कविता पसंद आई होगी ।
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