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English Poetry | Poetry On Life | "Life Is A Puzzle"

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"Life" - everybody wants to know what this life actually is. Sometimes an answer and sometimes a big question, sometimes frustrating and sometimes relaxing, sometimes hurting and sometimes healing, a complete puzzle that is quite difficult to solve but as we move on with it we came to know what it is, and what are the pieces actually mean.  

Life Poetries | Poetry In English | "Brain At War With The Heart"

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Life is a war between the heart and the brain , and this war goes on and on. The two have always been opposite of each other and the soul always remains stuck between the two.  I sometimes think about why they always do so, heart wants something that the brain doesn't allow. Surrounded by questions we want to get answered but the war of brain and heart always creates confusion.

Poetry on Nation | Patriotism | "कल की बात थी, एक चिठ्ठी आई थी"

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A poetry for nation dedicated to the brave hearts, to the soldiers of the country. कल चिट्ठी आई थी, साथ नया तोहफा लाई थी, उसने खोल के देखा तो उसके लिए उसकी वर्दी आई थी। उसके चेहरे की खुशी को बयां वह मां नहीं कर पाई, जो जानती थी साथ वो कुछ दूरियां भी लाई थी। पहन कर उसे, वो तनकर उठा, बड़े फक्र के साथ आइने के सामने खड़ा था। बाबा तैयारियां कर रहे थे, मां उसका डब्बा बांध रही थी, कुछ घंटे बाद उसको घर से जो जाना था। छू कर के पैर मां और बाबा के, गले लगाकर कसकर आखरी बार वो निकला था। पड़े पैर सरजमीं की मिट्टी पर जब, वो बैठा जमीं पर, उसे माथे पर सजा लिया। मगन हो गया वतन कि रखवाली में इस कदर, घर पर बैठी बूढ़ी मां को भूल गया। कई साल तक कुछ चिठ्ठियां उसने इकठ्ठा करी थीं, बाबा के प्यार और मां के दुलार से भरी थीं। हर बार की तरह, उंतालिश बार भी वही सवाल था, उसके घर वापस लौटने का जवाब मांगता था। हुआ था तैयार, घर जाना था वापस, एक चिठ्ठी के ज़रिए आने का पैग़ाम भिजवाया था। वो दोपहर धूप भरी थी, बाबा बैठे थे आंगन में, जब एक डाकिया एक ख़त ले आया था। "मां थोड़ा देर लगेगी घर आने में मुझको, तू फिकर ना कर, म

Hindi Poetry - "मैं बहता चला" | Poetry On Water | हिन्दी कविता

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  "मैं बहता चला" एक गहरे पर्यावरणीय संदेहों और समाजिक चुनौतियों के साथ जी रही नदी पर रचित कविता  है, जिसे मैंने अपने शब्दों में बयान किया है। यह कविता पानी के संघर्ष, और उसके साथी वातावरण की परिणामकारी बदलती हुई धारा को आत्मसात करती है।

Short Stories In English | Story- "The Door Bell"

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Some stories sometimes relate us with theirs. This story narrates such a common and interesting incident normally occurs. The story "The Door Bell" is about a lady who was deeply busy in her world of fiction but then she was distracted due to some reason. The reason took her whole time of reading and she was unable to do anything for that.  Let's know what that reason was? Read the complete story "The Door Bell" and enjoy.

Short Suspense Stories In English | Story- "The Sarturday Cake"

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Want to read a story that has a little suspense and a beautiful ending? This story is the same. "The Saturday Cake" is a mysterious story that contains a questioned secret. The tale is quite amazing and full of mystery till the end. The ending is quite emotional and a little funny.   The story starts with a dark plot and ends with disclosing all the mysteries about the question of what is "The Saturday Cake." You also are thinking about what this "Saturday Cake" is? Then you have to read the story to discover it.

Poetry on Soldiers | Patriotic Poetry | मैं जवान हूं - Hindi Poetry

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देश प्रेम में लीन हो जाना, बिना किसी लालच के देश पर जान कुर्बान कर जाना, उनके बलिदान का ऋणी है देश का हर नागरिक, हर एक वीर जवान खास है, हर एक वीर अमर है। ये कविता उन्हीं देश के वीरों के नाम है जो निडर है, साहसी है, अचल है, शूरवीर है। हमारी देश की असली शान हैं, हमारी देश का मान हैं।  यह कविता उन वीर जवानों के लिए जो अपनी जान की परवाह न करते हुए, हमारी और हमारे देश की सदा रक्षा करते हैं।      Hindi Poetry "मैं जवान हूं" मंजिलें रोती हुई हमको पुकारा करती हैं, आँखों की भीगी पलकें हमको सहारा देती हैं, आसमां में बादलों के संग धुआँ भी होता है, चाँद से तारों का कोई दिलकश नजारा होता है, मैं रो रहा था बैठ के, उस आसमां के नीचे ही, कि फिर चली गुहार, दुश्मन आ गया करीब ही, मैंने उठायी शमशीरें, उसको किनारा दिखाया, कि एक कातिल ने मुझे जख्मों का मोहताज बनाया, मैंने न माना हार, लड़ गया मैं हालात से, न किया माफ, मैंने उसको गिराया भूमि पे, माँ ने मेरी था सिखाया, छोड़ना न दुश्मन को, कट जाना भले ही, पर भुलना न फर्ज को, मेरी आँखों के आँसुओं की परवाह तुम न करना, पर मातृभूमि की लाज

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